नई दिल्ली। आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण राज्यों में अभी भी स्थिर संक्रमण वक्र और कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों के बढ़ने के चलते वित्त वर्ष 2021 में भारत की ग्रोथ रेट में 6 फीसद का संकुचन आ सकता है। सिंगापुर के ब्रोकरेज डीबीएस ने अर्थव्यवस्था पर गहराते संकट को दर्शाते हुए बुधवार को यह अनुमान लगाया है। इससे पहले अपने अनुमान में डीबीएस ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 4.8 फीसद नकारात्मक ग्रोथ की बात कही थी।
रिपोर्ट के अनुसार, आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गुजरात के मात्र सात फीसद जिलों की राष्ट्रीय आर्थिक उत्पादन में 30.5 फीसद हिस्सेदारी है। यह बताता है कि महामारी से अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगना निश्चित है और इसकी रिकवरी में काफी लंबा समय लगेगा।
भारत में लगातार कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। 22 जुलाई, गुरुवार दोपहर तक देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 11,95,674 मामले सामने आ चुके थे। इनमें से 7,52,596 लोग ठीक हो गए हैं। वहीं, 4,13,892 लोगों में यह वायरस अभी भी सक्रिय है। इसके अलावा देश में इस महामारी से अब तक 28,781 लोगों की दुखद मृत्यु हो चुकी है। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र में 3,27,031 सामने आए हैं। अकेले महाराष्ट्र में इस वायरस से 12,276 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
इस तरह भारत महामारी से सबसे अधिक प्रभावित दुनिया का तीसरा देश बन गया है। दुनिया में सबसे अधिक कोरोना संक्रमण के मामले यूएस में 39 लाख और ब्राजील में 22 लाख है।