रायपुर . वैश्विक बीमारी कोराना ने जिस तरह पूरे देश को प्रभावित किया है, उससे छत्तीसगढ़ फिलहाल बचा हुआ है। हालांकि पूरे देश में लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था काफी हद तक गड़बड़ा रही है, लेकिन प्रदेश अभी भी व्यवस्थित है। व्यापारियों को मदद कैसे मिलेगी? उद्योग धंधे पटरी पर कैसे आएंगे? इन तमाम मुद्दों पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बातचीत के प्रमुख अंश...
प्रश्न-अर्थव्यवस्था को लेकर रिजर्व बैंक भी छत्तीसगढ़ की प्रशंसा कर चुकी है, लेकिन अब इसे आप लॉकडाउन प्रभाव से कैसे संभालेंगे?
उत्तर-यह चुनौती हमारे सामने थी, लेकिन हमने इस पर काम करते हुए किसानों, आदिवासियों की जेब में इतना पैसा डाल दिया है कि इकॉनामी का पहिया चलता रहेगा। समर्थन मूल्य पर खरीदी, तेंदूपत्ता और महुआ खरीदी में हमने दोगुना पैसा दिया है। जब ग्राहक की खरीदने की क्षमता होगी तो जाहिर है कि व्यापारी और उद्यमियों की गाड़ी भी पटरी से नीचे नहीं उतरेगी।
प्रश्न-क्या सरकार उद्योगों को कोई राहत पैकेज देगी?
उत्तर-हमने केंद्र सरकार से 30 हजार करोड़ के राहत पैकेज की मांग की है। स्थानीय स्तर पर भी हम अपनी कोशिश कर रहे हैं, ताकि उद्योगों को राहत मिल सके। इसके लिए बाकायदा हमारा मंत्रिमंडल योजना बना रहा है। हम औद्योगिक संगठनों से भी लगातार बात कर रहे हैं और उनकी मांगों पर ध्यान दे रहे हैं। उनके सुझाव भी ले रहे हैं, ताकि हम फिर से खड़े हो सके।
प्रश्न- जो स्टेप सभी ने उठाए वह छत्तीसगढ़ में भी उठे, लेकिन आपने फिर भी ऐसा क्या किया कि हमारा प्रदेश अब तक कोरोना के खौफ से मुक्त है?
उत्तर-यह सही हैसभी राज्यों ने एक जैसे कदम उठाएं हैं, लेकिन हम इसलिए सुरक्षित हैं कि हमने पहला केस मिलते ही लॉकडाउन कर दिया था। माल, थियेटर सभी बंद कर दिए थे। विदेशों से आने वालों की जांच कराई थी। क्वारंटाइन सिस्टम का पालन कराया था, जो दूसरे राज्य नहीं कर पाए। नजीता आप सभी के सामने है।
प्रश्न-छात्रों के बाद अब प्रदेश के श्रमिकों को भी लाने का निर्णय लिया है आपने। इसके लिए क्या योजना है?
उत्तर-श्रमिकों की संख्या बहुत ज्यादा है,इसलिए उन्हें बसों में लाना संभव नहीं है। उनके लिए योजना बनाई जा रही है। नोडल ऑफिसर नियुक्त किए जा रहे हैं और सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने यहां के श्रमिकों की जानकारी एकत्र कर सूची बनाएं। जहां ज्यादा संख्या होगी वहां से लाने का प्रयास सरकार करेगी, अन्यथा श्रमिक भी अपने साधनों से आ सकते हैं, लेकिन 14 दिन का कोरोंटाइन पीरियड पूरा करने के बाद ही उन्हें राज्य में प्रवेश करने दिया जाएगा।
प्रश्न-रैपिड टेस्ट किट को लेकर सूरजपुर के मरीजों के मामले में फिर सवाल उठे हैं। ऐसे में इनकी कितनी उपयोगिता है?
उत्तर- यह सही है कि रैपिड टेस्ट में सूरजपुर से दस मरीज मिले थे, लेकिन दूसरे टेस्ट में उनमें से केवल तीन ही पाजिटिव पाए गए। फिर भी संदिग्ध लोगों की पहचान आसानी से और ऑन द स्पॉट हो जाती है। इसलिए इनकी उपयोगिता तो है ही।
ये है सीएम की कोरोना वारियर्स टीम
आर.पी. मंडल
मुख्य सचिव
केंद्र और राज्य के बीच समन्वय में प्रमुख भूमिका। साथ ही अंतरविभागीय गृह, स्वास्थ्य, खाद्य और श्रम विभाग के बीच तालमेल बनाना और कार्ययोजना का रूप देना।
सुब्रत साहू
अपर मुख्य सचिव
मुख्यमंत्री सचिवालय से सभी विभागों के मंत्रियों, अधिकारियों और जिला कलेक्टरों के बीच कोआर्डिनेशन बनाना। गृह विभाग के जरिये लॉकडाउन का पालन कराना।
सौम्या चौरसिया
उपसचिव
सीएम सचिवालय की सक्रिय सदस्य और प्रमुख रणनीतिकार। कोरोना प्रभावित जिला कलेक्टरों के लगातार संपर्क में रहना और मुख्यमंत्री के निर्देशों को क्रियान्वित कराना।
तारण प्रकाश सिन्हा
जनसंपर्क आयुक्त
सरकार की प्रभावी योजनाओं के प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी। कोरोना को जागरुकता अभियान छेडऩा और सभी जिला कलेक्टरों को इसके लिए प्रेरित करना।