भोपाल. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के निवास पर रविवार को दिनभर चली मैराथन बैठक में विधानसभा उपचुनाव की रणनीति तैयार की गई। इस बैठक में प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक भी शामिल हुए। बैठक में सबसे पहले पार्टी को एकजुट कर मतभेद दूर करने के लिए कमलनाथ और वासनिक ने वरिष्ठ नेताओं से वन टू वन चर्चा की। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया, अजय सिंह, डॉ गोविंद सिंह, केपी सिंह और रामनिवास रावत समेत करीब 15 नेताओं के साथ बातचीत की गई।
वरिष्ठ नेताओं से बातचीत में उपचुनाव के उम्मीदवारों, वहां की परिस्थितियों और मौजूदा हालात को लेकर चर्चा की गई। इसके बाद उपचुनाव वाली सभी 24 सीटों के प्रभारियों के साथ मैराथन बैठक हुई। इस बैठक में चुनाव प्रभारियों से कहा गया कि वे मंत्रिमंडल विस्तार के बाद उपजी नेताओं की नाराजगी को उपचुनाव में कैश कराएं। ऐसी रणनीति तैयार करें कि उनकी नाराजगी कांग्रेस के वोट में बदल जाए। वे भाजपा से नाराज नेताओं को कांग्रेस के पाले में लाने की जमावट भी करें। कांग्रेस अपने उम्मीदवारों की घोषणा जल्द करना चाहती है, लेकिन जिन सीटों पर भाजपा से नाराज नेता कांग्रेस में आने की संभावना है उन पर उम्मीदवारों की घोषणा बाद में की जाएगी।
- भोपाल में नजर न आएं विधानसभा प्रभारी
कमलनाथ ने कहा कि उपचुनावों को लेकर यह आखिरी बैठक थी। सभी प्रभारी अब अपने विधानसभा क्षेत्र में काम में लग जाएं और भोपाल में दिखाई न दें। बैठक में बूथवार समीकरणों पर भी चर्चा की गई। वासनिक और कमलनाथ ने बैठक के दौरान पहुंचे टिकट के दावेदारों से भी चर्चा की।
- महाकाल की पूजा के बाद चुनाव अभियान का आगाज
कमलनाथ सात जुलाई को उज्जैन में महाकाल के दर्शन करेंगे। इसके बाद उपचुनाव के प्रचार अभियान का आगाज कर देंगे। वे उज्जैन से बदनावर जाएंगे। इसके साथ ही कांग्रेस का मैदानी अभियान शुरू हो जाएगा। कांग्रेस के सभी बड़े नेता अब मैदान पर उतरेंगे। बैठक में कमलनाथ ने कहा कि 15 साल बनाम 15 महीने के साथ ही ईमानदार बनाम गद्दार भी चुनाव का प्रमुख मुद्दा रहेगा।