वाशिंगटन। कोरोना वायरस महामारी के संकट में अमेरिका ने इस सप्ताह 161 भारतीय नागरिकों को भारत वापस भेजने के संकेत दिए हैं। इसमें से अधिकतर गैर कानूनी तरीके से मेक्सिको से लगी दक्षिणी सीमा से देश में दाखिल हुए थे। विशेष विमान में उन्हें पंजाब के अमृतसर ले जाया जाएगा। उत्तर अमेरिकी पंजाबी संघ (एनएपीए) के कार्यकारी निदेशक सतनाम सिंह चहल के ने बताया कि इनमें सबसे अधिक 76 लोग हरियाणा के हैं।
इसके बाद पंजाब के 56 , गुजरात के 12 , उत्तर प्रदेश के पांच, महाराष्ट्र के चार, केरल, तेलंगाना और तमिलनाडु के दो-दो और आंध्र प्रदेश तथा गोवा का एक-एक व्यक्ति है। इसके साथ ही उन्होंने आगे बाया कि ये सभी लोग अमेरिका की 95 जेलों में बंद 1,739 भारतीयों में शामिल हैं। इन लोगों को अवैध तरीक से अमेरिका में प्रवेश की कोशिश करते हुए, आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन या आईसीई द्वारा गिरफ्तार किया गया था।
आईसीई की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका ने 2018 में 611 और 2019 में 1,616 भारतीयों को वापस भारत भेजा था। एनएपीए ने बताया कि 161 लोगों में तीन महिलाएं हैं और हरियाणा का 19 वर्षीय एक किशोर भी है।
वर्षों से उनके बीच काम कर रहे चहल ने बताया कि अमेरिकी जेलों में बंद अन्य भारतीय नागरिकों के साथ आगे क्या होगा, इसकी कोई जानकारी नहीं है। हिरासत में लिए गए अधिकतर लोगों ने शरण मांगी थी और दावा किया था कि उन्होंने अपने देश में हिंसा या उत्पीड़न का सामना किया है। हालांकि अमेरिकी न्यायाधीश पिछले कई वर्षों से उनकी याचिका खारिज कर रहे हैं।
वर्षों से उनके साथ काम कर रहे चहल ने आरोप लगाया कि उत्तर भारत, विशेष रूप से पंजाब में मानव तस्करों और अधिकारियों की सांठगांठ है, जो युवाओं को अपने घर छोड़ने और अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने के लिए उकसाते रहते हैं। ये दलाल एक व्यक्ति से करीब 30 -35 लाख रुपये लेते हैं। इसके साथ ही चहल ने पंजाब और केन्द्र सरकार से इन अवैध एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।